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Choose to be Happy खुश रहने का फैसला करे | Blog article


“मै रोता रहा, रोता रहा क्योंकि मेरे पास जूते नहीं थे! जब तक कि मै उस इंसान से नहीं मिला, जिसके पास पैर ही नहीं थे!”
                                                          -- एनोनिमस  

ज़िन्दगी भी एक ऐसी ही चलती फिरती कहानी का नाम है, जिसमे हमारे संपर्क में आने वाले लोग हमे जीना सीखाते है! कुछ लोग हमारे लिए चुनौती बनकर आते है और कुछ सहारा बनकर! परन्तु दोनों ही तरह के लोग हमे कुछ ना कुछ अनुभव देके जाते है, वो हमे मुसिबतों से लड़ने का मौका देते है ताकि हम अपनी छुपी हुई ताकत को पहचान सके! प्रथम दर्शया, चुनौती बनकर आए लोग हमे दुःख देने वाले लगते है, परन्तु सोचिए - कही उन्होंने आपको आगे बड़ने कि नई वजह तो नहीं दी? कही उन्होंने आपको और पक्का बनाने में मदद तो नहीं कि? कही उन्ही लोगो कि वजह से आज आप जीवन की नई मुश्किलों को भी हल करने के काबिल तो नहीं बन गए?


 जब तक हम इस संसार में है, तब तक मुश्किलें तो आती जाती रहेंगी! पर क्या आपने ये महसूस किया की जब हम चिन्ता, उदासी और गुस्से को अपनाकर मुश्किलों का सामना करने कि कोशिश करते है तो ख़ुद को कितना कमज़ोर और असहाय पाते है? आखिर दुखी रहने से आपको आज तक क्या मिला? इस दुखी रहने की आदत ने बहुत लोगों को उनकी काबिलियत और शक्ति का एहसास ही नहीं होने दिया! वो तो बस अपने दुःख और चिन्ताओ से बने काल्पनिक वातावरण में घिरकर इस दुनिया में परमात्मा की बनाई खूबसूरती और खुश रहने कि वजहों को देख ही नहीं पाए!


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मन के भाव 

खुश रहना या दुखी रहना, ये आपका चुनाव है! हर एक परिस्थियों में व्यक्ति खुश रहना सीख सकता है अगर चाहे तो! गरीब से गरीब परिवार में भी ख़ुशी कि अपनी परिभाषा है! एक गरीब का बच्चा, तपती धूप में भी नंगे पाव, सड़क पर साइकिल का टायर चलाते हुए भी मुस्कुराना सीख जाता है, और कही पर 16 डिग्री AC  में रहने पर भी उदासी नहीं जाती! कहने का मतलब ये है कि आपकी ख़ुशी पदार्थ पर निर्भर नहीं है, ये आपकी इच्छा पर निर्भर है! आप ख़ुद सोचिये, क्या पैसा ही खुशी कि वजह है? क्या करोड़ों कमाने वाले दुखी नहीं है? पैसा कमाना सचमुच बहुत अच्छा और ज़रूरी है पर तब तक, जबतक कि पैसा कमाने कि प्रबल महत्वाकांक्षा हमारी ख़ुशी नहीं छीनती!

जीवनशैली का विकास 

बचपन से ही सही जीवनशैली का विकास, आज के माता-पिताओ की सबसे बड़ी जिम्मेदारियों में से एक है, अपने बच्चो के प्रति! बच्चो में ऐसी भावना का विकास करना ज़रूरी है, कि वो ये जान सके कि नम्बरों के साथ-साथ मुख पर मुस्कान बनाये रखना बेहद ज़रूरी है!

महसूस करे

कभी मौका मिले तो कुछ समय कही घूमने जाए, अपने चारो तरफ के वातावरण को महसूस करे, वो चिड़ियों की करलव करती आवाज़, वो हवा कि मंद-मंद माथे को छूती ठंडक, कुछ समय के लिए आपके तनाव को कम कर देगी, आपके अन्दर एक शांति और शक्ति का संचार करेगी!

मुसिबतों से क्या निराश होना? ये तो जीवन का अभिन्न अंग है! इनका हसते हुए सामना करना आपके बच्चों के लिए भी एक उद्धरण का काम करता है, क्योंकि बच्चे अपने बड़ो को देख कर ही सीखते है! ये आदत उनको बड़े होने पर बेहद मददगार साबित होगी!

तो आज से ही ख़ुद से ये वादा करे कि जीवन चाहे मुझे किसी ओर भी ले जाए, चाहे मुश्किलों का कितना भी दबाव मेरे ऊपर हो – मै मुस्कुरा सकने कि काबिलियत ख़ुद में पैदा करुँगा! अगर आप खुश रहना सीख लेते है तो आप ख़ुद को ऊर्जावान पाएंगे, हर एक परेशानी का हल आप बेहतर तरीके से ख़ोज निकालेंगे!
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