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मन की शांति कैसे पाए? | Hindi Motivational article

Life में कई बार ऐसा मुक़ाम भी आ जाता है, जब हम ख़ुद से ही अनेको सवाल-जवाब करने लगते है! जैसे कि – आखिर मेरा मन इतना परेशान क्यों है? क्यों मुझे बार-बार गुस्सा, झुझलाहट और चिन्ता घेरे रहती है? आखिर मै ऐसा क्या करू जो मेरे मन और दिमाग को थोड़ी शांति और आराम मिले?

आपके ये ख़ुद से पूछे गए सवालों के, ढेर सारे reasons हो सकते है – एक बुरा बीता हुआ दिन, किसी कार्य में मिली असफ़लता, कोई हाल फिलाल में हुआ नुकसान, किसी अपेक्षा का पूरा ना हो पाना, आदि-आदि! परन्तु आपके लिए सबसे अच्छी खबर ये है कि आखिरकार आप ये जानना चाहते है कि ये क्यों हो रहा है! आपको पता चल चुका है कि कुछ ना कुछ तो गलत है जिसको ठीक करना है!

जिस घड़ी हम ख़ुद को परिणाम से बांध लेते है, उसी घड़ी से चिन्ता और दुःख का आरम्भ हो जाता है! सही माएने में हम भगवान् पर विश्वास होने की बात तो करते है परन्तु उसके निर्णय और शक्ति पर अंतर्मन से विश्वास नहीं कर पाते! हमने जो काम आज किया है या अभी तक किया भी नहीं है – उसे करने पर फल हमे मिलेगा, इस बात का हम पक्का भरोसा चाहते है! यही आदत चिन्ता के सबसे बड़े कारणों में से एक है! जब भी हम कोई कार्य करते है तो उसके साथ-साथ उसके परिणाम की रूप रेखा अपने मन में पहले ही खीच लेते है! अगर मैंने 5 घन्टे पढाई कि है तो मुझे और सिर्फ मुझे ही सबसे अच्छे छात्र का पुरस्कार मिलना चाहिए! अगर मैंने ये प्रतियोगिता का फॉर्म भरा है तो में ही सफल होऊ आदि-आदि विचार हमारे मन को आ घेरते है! और हम मेहनत करने के स्थान पर सफ़लता के महल अपने दिमाग में बनाना शुरू कर देते है! सफ़लता कि आशा रखना बुरा नहीं है, अपितु ये तो एक गुण है! परन्तु ख़ुद को साची-झूठी, ख़ुद की या तो समाज कि अनापेक्षित आशाओ के बोझ तले दबाना ठीक नहीं है! इससे बुद्धि पर तनाव और चिन्ता का असर होता है! आपका काम है केवल मेहनत करना, बाकि सब परमात्मा पर छोड़ दीजिये आपका मन शांत रहेगा!

Choose peace
जीवन 
जितना अच्छा कर्म करेगे उतना अच्छा परिणाम होगा ही होगा, आज नहीं तो कल! ये बात सुनने में बेहद साधारण लगती है परन्तु है सत्य – मेहनत कभी भी बेकार नहीं जाती! Steve Jobs जो की Apple कम्पनी के जनक थे, उन्हें अपनी पढाई बीच में ही छोड़नी पड़े आर्थिक कारणों से, अब उनके पास करने के लिए कुछ ख़ास नहीं होता था तो उन्होंने सोचा के क्यों ना – सुंदर लेखन कि कला (Calligraphy) को सीखा जाए! उन्होंने ऐसे ही एक क्लास में जाना शुरू कर दिया, जबकि वो नहीं जानते थे कि उनके जीवन में ये कभी काम आएगी भी या नहीं! करीब 10 साल बाद जब वो अपने लिये Macintosh operating System बना रहे थे तब उन्हें अपनी बहुत पहले सीखी गई इस कला का ध्यान आया और उन्होंने इसका प्रयोग किया!

आपका काम है आज में जीना और मेहनत करना - कल ऐसा होगा, वैसा होगा इन सब बातों पर ज्यादा चिन्ता करना ठीक नही है! परमात्मा पर विश्वास रखिए – वो सब सभाल लेगा! 

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