Motivational Story about power of thought
केशव के पास
काले रंग एक बहुत ही सुंदर और ताकतवर घोड़ा था!
एक बार की बात है, केशव ने अपने चाचा सुरेश के साथ घुड़सवारी पर जाने का
विचार किया! दोनों ने एक-एक करके घोड़े की सवारी करने का निर्णय लिया!
केशव छोटा था तो पहले उसकी बारी आई और चाचा सुरेश उसके साथ-साथ पैदल चलने लगे!
अभी उनकी यात्रा शुरू ही हुई थी की रास्ते में खड़े लोग उन्हें रुक रुक कर देखने
लगे, कुछ और दूर चलने पर रास्ते में खड़े एक व्यक्ति ने
अपने साथी से कहा - "देखो तो इस लड़के को, कैसे संस्कार है इसके, बड़ा तो पैदल चल रहा है और
खुद घोड़े की सवारी का मज़ा ले रहा है!"
ये शब्द सुनकर केशव घोड़े से उतर गया और अपने चाचा को घुड़सवारी करने के लिए
कहा! अभी थोड़ी दूर ही गए थे के तभी, एक और व्यक्ति बोल पड़ा,"ये बुढा कितना मतलबी है , इस छोटे से बच्चे को पैदल
चला रहा है और खुद इस उम्र में भी अपने शौक पूरे करने में लगा हुआ है, कितना बदल गया है आज का
इंसान!"
ऐसे वाक्य सुनकर अंकल सुरेश ने केशव को भी अपने साथ घोड़े पर बैठा लिया! अब
दोनों सवार होकर आगे की यात्रा पर निकल पड़े! अगले चौराहे पर केशव ने कुछ सुना
-" अरे देखो तो कितने निर्दयी लोग है, बिचारा पशु कुछ बोल नहीं
सकता तो एक घोड़े पर दो-दो सवार होकर चल रहे है, खुद पर वजन पढ़े जब पता
चले दो आदमियों का बोझ!"
ऐसे कटु शब्द सुनकर दोनों घोड़े से नीचे उतर आये, और पैदल-पैदल चलने लगे, आखिर अब घर पास आ गया था!
घर के दरवाजे पर केशव के पड़ोसी बोले,"हम लोग आपको पिछली गली से
देखते हुए आ रहे है, क्या आप बता सकते है की इस घोड़े को ले जाने का क्या
फ़ायदा हुआ जब आपको पैदल ही सफ़र करना था!"
उनके वाक्य को सुनकर दोनों नीले आकाश की और देखने लगे!
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| अपने अनुसार जीवन जीना |
सारांश ::::
हर व्यक्ति का जीवन जीने का अपना तरीका होता है! सबकी सोच, व्यव्हार और भावनाए भी
अलग अलग हो सकती है! समझदार, बुद्धिमान और उम्र में
बड़े लोगो से सलाह लेकर कार्य करना निसंधेय एक अच्छी आदत है, परन्तु बिना सही-गलत का
विचार किये हर एक सलाह पर अमल करना ठीक नहीं कहा जा सकता! इससे आत्मबल का नाश होता
है! सलाह को अमल में लाने से पहले सोचे, जो सही और सच्ची हो उसे
अपना ले, बाकि को छोड़ दे! अगर हम विचार करने की अपनी काबिलियत
पर भरोसा नहीं करेंगे तो धीरे-धीरे इस गुण का नाश हो जायेगा! कठपुतली जैसा
व्यव्हार ना करे!
