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मनुष्य जीवन नदी की भाति है | Never Quit Things

"Never Quit Things" in Hindi

"कभी हार मत मानिये" कविता से आभार



जब चीज़े ग़लत होने लगे, जैसे की कई बार जीवन में होती ही है!
जब जीवन की डगर पर बस चढ़ाई ही चढ़ाई महसूस हो!
जब आमदनी से ज्यादा आपके आगे कर्ज़े खड़े हो!
और आप मुस्कुराने की इच्छा होने पर भी, ख़ुद को लज्जित महसूस करे!
जब चिंताये आपको मानो ज़मीन में धसा रही हो!
थोड़ा आराम कीजिये, अगर आपको उसकी ज़रूरत है, परन्तु हार मत मानिये!

ज़िन्दगी तो है ही घुमावदार रास्तों से भरा सफ़र!
और हम सब इन्ही रास्तों पर चल कर जीना सीखते भी तो है!
परन्तु कुछ लोग वापस लौट जाते है,
जबकी वो अपनी मंजिल तक पहुच सकते थे, अगर वो ऐसा ना करते!
ह़ार मत मानिये चाहे आपकी चलने की गति कितनी भी धीमी हो!
क्या पता बस कुछ ही कदमों का सफ़र बाकी बचा हो?


ज़्यादातर समय मंजिल उससे पास ही होती है,
जितनी की दूर वो एक थके और निराश व्यक्ति को देखाई पड़ती है!
ज़्यादातर समय व्यक्ति तब हार स्वीकार कर लेते है!
जब सफ़लता की टोपी उनसे कुछ ही क़दम दूर रह जाती है!
और रात घिरने के बाद उन्हें ये एहसास होता है,
के उस सोने के सिंघासन के कितना करीब थे वो!

सफ़लता, विफलताओ का मुह मोड़ने से ही मिलती है!
ये तो अनिश्चिताओ के बादल में से निकली एक बिजली की चमक के समान होती है!
आप नहीं कह सकते की आप इसके कितने पास है!
ये आपके बिलकुल पास भी हो सकती है जब के आप इसे बहुत दूर मान के बैठे हो!
तो अपने जीवन की लड़ाई छोड़ कर पीछे मत हटिये,
चाहे सफ़र कितना भी मुश्किल क्यों न होता जा रहा हो!
क्योंकि जब चीज़े सबसे बुरी दिखती है, तब ही आपको हार नहीं माननी है - सफ़र थोड़ा ही बचा है!
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Hindi Quotation by Ravindranath tagore
मनुष्य जीवन नदी की भाति है

दोस्तों, कभी आपने ये सोचा है की हम सबके जीवन में अगर कठिनाईया ना आये तो कैसा होगा? क्या कभी भी हम अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर पाएगे? या उनको पहचान पाएँगे? मुझे ऐसा नहीं लगता! आदि मानव में पत्थर को रगड़ कर आग जलाने की कोशिश और इसका इस्तेमाल की इच्छा क्यों जगी होगी? क्योंकि उसको किसी ऐसी चीज़ की आवशयकता महसूस हुई होगी जो उसे ठण्ड से बचा सके, जंगली जानवरों से बचा सके या फिर उसका खाना स्वाद बना सके! कहने का मतलब है की कठिनाईयो से गुज़र कर हम नई काबिलियत हासिल करते है और नई मंजिल को पाते है! जीवन में हर एक चीज़ का अपना स्थान है, हम किसी को भी नकार नहीं सकते! मुश्किल परिस्तिथिया हमे भविष्य में आने वाले परिवेष के लिए तैयार करती है!

मुश्किलों से डरे नहीं बल्कि बिना ज्यादा चिन्ता करे उनका सामना करने की कोशिश में जुट जाए! उनके जाने के बाद आप ख़ुद को और ज्यादा काबिल और परिपक्व पाएगे!

इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!


Poem Credit:: Anonymous

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